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भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नव वर्ष उत्सव

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भारतीय नववर्ष उत्सव  अंग्रेजी महीने के हिसाब से चाहे नया साल १ जनवरी को मनाया जाता है । परंतु भारत मे  अलग-अलग राज्य मे नववर्ष की शुरुआत अलग-अलग समय पर होती है। वैसे तो दैनिक कार्यक्रम प्रायः अग्रेजी महीनों के आधार पर ही चलते हैं, परंतु धार्मिक पर्व, अनुष्ठानों और विवाह महूर्त आदि के लिए इनका बहुत अधिक महत्व है जो हमारी संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। दुनियाभर मे जहां नववर्ष केवल एक समय में ही मनाया जाता है, वही भारतवर्ष मे नववर्ष अलग-अलग समय पर अलग-अलग नामों से मनाया जाता है –  चलिए जानते हैं विभिन्न प्रकार से मनाये जाने वाले नववर्ष उत्सव के विषय में।  भारत मे नववर्ष की गणना दो आधार पर होती हैं – पहली सूर्य पंचांग और दूसरी चंद्र पंचांग के द्वारा । पंचांग कैलंडर को कहते हैं – जिसमे दिन, तारीख, महीनों और पर्वों का विवरण छपा होता है। भारतवर्ष मे कुछ जगह पर सूर्य पंचांग के आधार पर नववर्ष मनाया जाता हैं जबकि कुछ जगह पर चंद्र पंचांग के आधार पर ।  भारत मे विभिन्न धर्म, संप्रदाय और भाषा के लोग रहते हैं, जो अपनी धर्म और संस्कृति के आधार पर नववर्ष मानते हैं ।  विक्रम संवत: हिन्दू धर्मानुसार नववर्ष