दहेज एक अभिशाप और आधुनिक नारी
दहेज क्या है ? दहेज का मतलब शादी के बाद दुल्हन के परिवार से दूल्हे के परिवार को नकद या उपहार का भुगतान है। दहेज को उर्दू में जहेज़ कहते हैं। भारत में इसे दहेज , हुँडा या वर-दक्षिणा के नाम से भी जाना जाता है तथा वधू के परिवार द्वारा नक़द या वस्तुओं के रूप में यह वर के परिवार को वधू के साथ दिया जाता है। इसे भारत के पूर्वी भागों में औनपोट कहा जाता है। दहेज प्रथा का प्रचलन हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में कई प्रकार की विवाह पद्धतियां प्रचलित है। इसमें से आर्ष विवाह पद्धति में वर्णन है कि पिता वस्त्राभूषणों से सुसज्जित पुत्री का विवाह योग्य वर से करता है तथा उसे उपहार आदि प्रदान करता है । यहीं से दहेज की उत्पत्ति होती है । वैदिक काल मे विवाह के दौरान और उपरांत नववधू को विभिन्न प्रकार के उपहार देने की परंपरा थी – जो निम्न प्रकार है - 1- अध्यग्नि -- वैवाहिक अग्नि के सम्मुख दिया गया उपहार 2- अध्यवह्निका - वधू को पतिगृह जाते समय दिया गया उपहार 3- प्रीतिदत्त - सास- ससुर द्वारा स्नेहवश दिए गए उपहार 4- पतिदत्त- पति द्वारा दिये गए उपहार 5- पदवंदनिका - नतमस्तक प्रणाम करते...