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सफल जीवन की परिभाषा

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यह एक छोटी सी कहानी है -जिसमे एक बहुत ही बढ़िया सीख छुपी है ।  कहानी का स्वरूप थोड़ा छोटा जरूर है, परंतु इससे मिलने वाली सीख बहुत ही गहरी है । तो चलिए बिना विलंब कहानी को शुरू करते हैं -  एक बार एक बेटे ने अपने पिता से पूछा, "सफल जीवन क्या है?" उसके पिता ने कोई जवाब नहीं दिया और अपने बेटे को पतंग उड़ाने के लिए छत पर ले गए । पिता जी  पतंग उड़ा रहे थे और बेटा टकटकी लगा,  उन्हें बढ़े ध्यान से देख रहा था ।  कुछ देर बाद उत्सुकतापूर्वक  बेटे ने कहा, पापा इस धागे की वजह से हमारी  पतंग आगे तक नहीं जा पा रही है, क्या हम इसे तोड़ दें? बेटे ने  फिर कहा - "अगर हम धागा तोड़ दें,  तो ये पतंग और ऊपर जा सकती है।” बेटे के  दो बार कहने पर पिता ने अंततः  धागा तोड़ दिया । इसके बाद वे दोनों उस पतंग को देखने लगे। उन्होंने देखा कि पहले  पतंग थोड़ी ऊपर गई,  लेकिन उसके बाद वह फड़फड़ाती हुई नीचे आई और दूर किसी अनजान जगह पर जा गिरी। इसके बाद पिता ने अपने बेटे की ओर देखते हुए कहा, 'बेटा, जीवन में जब हम ऊंचाई पर होते हैं, सफलता प्राप्त करते हैं तो अक्सर एक ही बात महसूस होती है कि हम बंधे हुए हैं और

दहेज एक अभिशाप और आधुनिक नारी

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दहेज क्या है ? दहेज का मतलब शादी के बाद दुल्हन के परिवार से दूल्हे के परिवार को नकद या उपहार का भुगतान है। दहेज को उर्दू में जहेज़ कहते हैं। भारत में इसे दहेज , हुँडा या वर-दक्षिणा के नाम से भी जाना जाता है तथा वधू के परिवार द्वारा नक़द या वस्तुओं के रूप में यह वर के परिवार को वधू के साथ दिया जाता है। इसे भारत के पूर्वी भागों में औनपोट कहा जाता है। दहेज प्रथा का प्रचलन  हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में कई प्रकार की विवाह पद्धतियां प्रचलित है। इसमें से आर्ष विवाह पद्धति में वर्णन है कि पिता वस्त्राभूषणों से सुसज्जित पुत्री का विवाह योग्य वर से करता है तथा उसे उपहार आदि प्रदान करता है । यहीं से दहेज की उत्पत्ति होती है । वैदिक काल मे विवाह के दौरान और उपरांत नववधू को विभिन्न प्रकार के उपहार देने की परंपरा थी – जो निम्न प्रकार है -  1- अध्यग्नि -- वैवाहिक अग्नि के सम्मुख दिया गया उपहार 2- अध्यवह्निका - वधू को पतिगृह जाते समय दिया गया उपहार 3- प्रीतिदत्त - सास- ससुर द्वारा स्नेहवश दिए गए उपहार  4- पतिदत्त- पति द्वारा दिये गए उपहार  5- पदवंदनिका - नतमस्तक प्रणाम करते समय बड़ों द्वारा दि

मास्क की कहानी

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  मास्क  मास्क की कहानी  एक दिन अचानक स्वपन मे रात को दरवाजे पर खटखटाने कि आवाज हुई। मैंने उठकर दरवाजा खोला तो देखा कि एक आयताकारनुमा कपड़े का टुकड़ा, जिसके दो खोखले कान थे, दरवाजे पर खड़ा था । मैंने पूछा कौन है? उधर से आवाज आयी आपका साथी ! मेरा नाम मास्क है।  मैंने कहा, मैं तो आपको थोड़ा बहुत ही जानता  हूँ और ऐसा नहीं है कि आपके बिना मेरा काम नहीं चलेगा । इतना सुनते ही वो बोला; बंधु अभी तक आप मुझे कुछ विशेष परिस्थितियों मे ही उपयोग में लाते थे, और मैं भी कुछ सीमित जगह पर ही उपलब्ध होता था। परंतु आज से मैं आपके वॉर्ड्रोब का एक सक्रिय सदस्य बनने जा रहा हूँ । इतना बोलते ही, वो उछलकर मेरे  वॉर्ड्रोब मे जाकर बैठ गया। फिर क्या था, वो लगा अपनी कहानी बताने। उसने कहा कि वैसे तो वह किसी परिचय का मोहताज नहीं, क्योंकि लगभग सभी लोग उसको जानते है । परंतु बहुत कम लोग ही उसका सही तरीके से इस्तमाल करते हैं। वैसे तो मैं अस्पताल मे और प्रशिक्षण शालाओं मे ही रहता था, परंतु पलूशन के चलते कुछ लोग मुझे सड़कों तक ले आये और मैनें अपनी कार्यकुशलता से उनकी रक्षा भी की । परंतु इस वायरस के कारण अब मैं हर किसी के घर मे

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day)

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) Image by  Markéta Machová  from  Pixabay   अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  ८ मार्च  (8 March)  को  पूरे  विश्व  में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आर्थिक, सामाजिक,व्यापारिक और राजनितिक में सक्रीय भूमिका और  उपलब्धियों के उप्लक्ष में एक उत्सव  के तौर पर मनाया जाता है।  महिला दिवस  के इस अवसर पर मै आपको नारी की कुछ विशेष क्षमताओं  से परिचय कराना चाहूँगा। आज ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे आज की नारी करने में असमर्थ हो। यद्यपि एक पुरुष प्रधान समाज में नारी की प्रगति एक आसान कार्य नहीं था और समाज और संस्कृति की अच्छी-बुरी  श्रंखलाओं में  जकड़ी  नारी ने अपनी हिम्मत और अथक प्रयास से उस सोच को बदलने में कुछ सफलता पायी है।आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं  की भागीदारी न हो। महिलाएँ लगभग सभी क्षेत्र में अग्रणी हैं। चाहे वो क्षेत्र शिक्षा, व्यवसाय, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, बैंक  और सुरक्षा का ही क्यों न हो,नारी सभी क्षेत्रों में अपने अथक प्रयास से निरंतर आगे बढ़  रही हैं। नारी  का पौराणिक महत्त्व भगवान शिव का अ