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महाप्रभु जगन्नाथ की अद्भुत रथ यात्रा

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श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर भारतीय राज्य उड़ीसा के सबसे प्रभावशाली मंदिर में से एक है, जिसका निर्माण गंगा राजवंश के एक प्रसिद्ध राजा अनंत वर्मन चोडगंगा देव द्वारा 12वीं शताब्दी मे पुरी के समुद्र तट पर किया गया था। पुरी को प्राचीन काल से कई नामों से जाना जाता था जैसे- श्री क्षेत्र, शाक क्षेत्र, शंखक्षेत्र, पुरुषोत्तम क्षेत्र, नीलांचल,नीलगिरि और उत्कल  भी कहा जाता है।  इसके अलावा जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’ भी कहा जाता है, जहाँ हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान जगन्नाथ की उपस्थिति के कारण मृत्यु के देवता ‘यम’ की शक्ति समाप्त हो गई थी ।  इस मंदिर को "सफेद पैगोडा" भी कहा जाता था और यह चारधाम तीर्थयात्रा (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक हिस्सा है। मंदिर की बनावट और वास्तुशिल्प  श्री जगन्नाथ भगवान का मुख्य मंदिर कलिंग वास्तुकला में निर्मित एक प्रभावशाली और अद्भुत संरचना है, जिसकी ऊँचाई 65 मीटर है। मंदिर की बाहरी दीवार के पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तरी मध्य बिंदुओं पर चार द्वार हैं, जिन्हें "सिंहद्वार (शेर का द्वार), अश्व द्वार (घोड़े का द्वार), व्याघ्र द्वार (ब