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अदृश्य दानव -कोरोना वायरस


अदृश्य दानव -कोरोना वायरस 


Invisible Devil -Corona Virus
Invisible Devil -Corona Virus 

पूरा विश्व आज एक अज़ीबोगरीब परिस्थिति से गुजर रहा है। हर कोई परेशान  है, चारो तरफ भय और मौत का वातावरण व्यापत है। छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब हर कोई इस भयावह स्थिति से सहमा हुआ है। चीन देश के वुहान शहर से निकला यह  "कोरोना वायरस" [Corona Virus] एक अदृश्य  दानव की भांति पूरी दुनिया को निगल रहा है। 

काल्पनिक और  पौराणिक  कहानियों  में  उल्लेख 

यह  समय मुझे मेरी दादी माँ  के दवारा सुनाई गयी काल्पनिक कहानियों  की तरफ़ ले जाता है , जिसमे एक राक्षस  पृथ्वी  पर  हर तरह का अत्याचार करके लोगों  को प्रताड़ित करता है।  उसके आतंक से प्रताड़ित होकर सब  लोग भय की  अवस्था में अपने जीवन को व्यतीत करने के लिए मजबूर होते है। आखिर में  कोई महापुरुष आकर उस राक्षस से सभी के प्राणों की रक्षा करता है।  हमारी  पौराणिक  कथाओं  में भी  इसी प्रकार  के कई  राक्षसों का वर्णन मिलता है  जिसमें  अंततः  भगवान  ने स्वयं  अवतार  लेकर  मानव जाति  की रक्षा की।   

मानव का पिंजरे के पंछी की तरह का जीवन 

Life in Cage

इस तरह की स्थिति की कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी, जब महीनों  तक मानव को पिंजरे के पंछी की भाँति एक सीमित जगह में सीमित साधनों के साथ गुजारा करना पड़ा होगा । इस घड़ी  ने दुनिया के सभी लोगों को सामाजिक, आर्थिक और व्यापारिक स्तर पर काफी नुक़सान पहुंचाया है। मास्क पहनना, लॉक डाउन के दिशानिर्देशों का पालन करना , सीमित  संसाधनों में जीना , अपनों  से दूरी ,  निरंतर हाथों  को धोना और  बीमारी  होने पर सामाजिक बहिष्कार की  समस्याओं  से  जूझना , इस वायरस  के  दवारा  दी गयी कुछ परेशानियाँ  हैं। 

प्रकृति  से  खिलवाड़  और  वायरस  का  अत्यधिक शक्तिशाली होना 

क्या है यह सब ? क्या मनुष्य इतना कमजोर हो गया है कि आज के आधुनिक युग में जहाँ मनुष्य अंतरिक्ष से लेकर विज्ञान के विभिन्न  क्षेत्रों में नयी परकाष्टा को छू रहा है वहाँ  मात्र एक सूक्ष्म अदृश्य वायरस उसकी वर्षों  की मेहनत को  बर्बाद कर देगा। 

कोरोना वायरस  से लड़ने हेतु मानव के पास  किसी प्रकार की  कोई  दवाई व  वैक्सीन नहीं है। अपनी  म्युटेंट प्रवृति के कारण यह वायरस अत्यधिक  शक्तिशाली है।  पूरा विश्व इस वायरस को ख़त्म करने वाली वैक्सीन की खोज में  लगा हुआ है, जिसमे उसको कुछ हद तक सफलता प्राप्त हुयी है। परन्तु अभी भी  इस वायरस  से लड़ने  के लिए  हमारे  पास केवल निम्न तरीके  ही  है -
  • उचित दूरी का ध्यान रखना। 
  • मास्क को  पहनना। 
  • नमस्ते  दवारा  किसी  का अभिवादन करना। 
  • स्वच्छता का ध्यान रखना। 
  • लॉक डाउन की व्यवस्था को  अपनाना । 
  • अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को  बढ़ाना। 

प्रकृति का तांडव - वर्ष -२०२० 

इतना ही नहीं प्रकृति भी अपने प्रकोप  से समय-समय पर मानव जाति  को हिला रही है।  इस वर्ष  मनुष्य को प्रकृति  के  प्रकोप  का  सामना करना  पड़ा जोकि इस  परिस्तिथि में ओर  भी भयावह प्रतीति होता है।   

  • साल  के शरुआत में  ऑस्ट्रेलिया के जंगल में आग -दिसंबर-२०१९ 
  • इंडोनेशिया में भयंकर बाढ़ - १ जनवरी -२०२० 
  • फिलीपींस में  वोल्केनो का फटना -१२ जनवरी -२०२० 
  • टर्की, जमैका और  रूस में भूकंप से तबाही 
  • अफ्रीका और एशिया में  टिड्डी दल  का  हमला 
  • अम्फान चक्रवात का कहर - भारत और बांग्लादेश पर 

काला या  काल वर्ष -२०२०

कहीं न कहीं  ऐसा प्रतीत होता है कि ईश्वर मानव जाति की परीक्षा ले रहा है तभी तो मानव के लिए उसके घर भी बंद है। मौत का ऐसा तांडव जिसमे लाखों  लोग बलि चढ़ गए, वर्ष  २०२० में  देखने को मिला । वर्ष २०२० वास्तव में मानवता के इतिहास में  काळा या काल वर्ष सा प्रतीत होता है जिसने मानवता को बहुत ही विकट स्तिथि में लाकर  खड़ा कर दिया है।  

"Corona Virus" कोरोना वायरस  के प्रभाव से उत्पन्न विभिन्न  समस्याएं 


corona Effect on Human Being
Image by mohamed Hassan from Pixabay 

इस भयावह स्थिति ने विश्व के सामने कई  प्रकार की समस्या को खड़ा कर  दिया  है।  इस समय मानव  जाति  चिकित्सा सुविधाओं  की कमी, आर्थिक,  सामाजिक , व्यापारिक , शैक्षिक और  मानसिक समस्याओं  से जूझ  रही है। यह समस्या इस वायरस की भाँति  बहुत ही उग्र होती जा रही है।  इस  वायरस ने सम्पूर्ण मानव जाती के मस्तिष्क तक पर अत्यधिक प्रभाव  किया है कि उसकी हर सोच में वायरस की उपस्थिति नज़र आती है। विश्व के सम्पन्न  कहे जाने वाले देश भी इस वायरस से लड़ने में असमर्थ साबित हुए है , जिनमे  ब्रिटेन , जर्मनी , अमेरिका  और  इटली शामिल है। इन समस्यों  ने  मानव जाति  को कुछ इस तरह प्रभावित किया है -

  • चिकित्सीय -- अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का आभाव , इस प्रकार  की स्थिति से निपटने के लिए  ठोस व्यवस्था की कमी। 
  • आर्थिक  -- व्यापार, नौकरी  आदि का  नुकसान, भूखमरी और लाचारी 
  • सामाजिक --सामाजिक कार्यो  पर प्रतिबन्ध, 
  • व्यापारिक --व्यापार का चौपट होना ,  मजदूरों  का पलायन 
  • शैक्षिक -- ऑन लाइन शिक्षा का बढ़ता बोझ / मूल्यांकन की कमी  
  • मानसिक --कर्ज चुकाने तनाव, काम-धंधे न चलने का तनाव, अजीबो -गरीब स्थिति का तनाव  

वायरस  को  काबू  करने  हेतु  ठोस  व्यवस्था की आवश्यकता  

मानव का  ज्ञान इस तरह की स्थिति को नियंत्रण में रखने में  विफल रहा है। आधुनिक प्रसार की चाहत में  मनुष्य ने प्रकृति से खिलवाड़ कर अपने जीवन को संकट में डाल दिया। यह मानव जाति  के लिए एक  चेतावनी है और  अगर वक्त रहते  मानव  ने इस प्रकार के वायरस  से लड़ने  और उसे काबू में रखने के तरीकों  पर  कोई  ठोस  व्यवस्था  नहीं  बनायीं,  तो  मानव  जाति  को  अनगिनत  बार  इस  तरह के  वायरस  का  शिकार  होना  पड़  सकता है। यही  नहीं  इस  के द्वारा  मानव जाति  का संपूर्ण  विनाश भी  संभव  है।

अतः इस वायरस को परास्त करना ही  हमारा दृढ़ निश्चय होना  चाहिए, यह वो लड़ाई है जो हम सब को एकजुट होकर लड़नी है और हर हाल में जीतनी है। यह तभी  संभव है जब हम सभी सावधानियों का ध्यान रखें और समय -समय पर बताये निर्देशों  का पालन करें। 

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