कछुआ और दो सारस की कहानी और संदेश
आज की कहानी के शीर्षक से आपको ज्ञात हो गया होगा कि यह कहानी बचपन मे पढ़ी वही कहानी है , जो कि हम सभी ने कितनी बार पढ़ी और अपने बच्चों को सुनाई होगी। कहानी मे तीन जीवों को पात्रता दी गई है जो कहानी के संदेश को बहुत ही सफलता के साथ पढ़ने व सुनने वाले तक पहुँचाते है। तो चलिए बिना ज्यादा देर किए कहानी को शुरू करते हैं। एक समय एक छोटे से तालाब में एक कछुआ रहता था। एक बार भयंकर गर्मी के कारण धीरे-धीरे तालाब का पानी सूखने लगा । कछुआ इस बात से परेशान रहता कि यदि तालाब पूरी तरह सूख गया तो मेरा क्या होगा। एक दिन , दो सारस तालाब के पास आए और कछुए ने उन दोनों सारस से उसे पास के तालाब में ले जाने के लिए कहा , जहां अधिक पानी है। सारस में से एक ने बताया , “ हम एक तालाब को जानते हैं जहाँ बहुत सारा पानी है। लेकिन , हम तुम्हें वहां कैसे ले जा सकते हैं”। कछुए ने उनसे कहा, “चिंता मत करो, मेरे पास एक युक्ति है। तुम दोनों अपनी चोंच में एक छड़ी पकड़ो और मैं उसे अपने मुँह से पकड़ूंगा। तब तुम दोनों उड़कर मुझे उस तालाब तक ले जा सकते हो।” सीख मुसीबत मे हमे अपनी सूझ-बूझ से काम लेना...