कछुआ और दो सारस की कहानी और संदेश
एक समय एक छोटे से तालाब
में एक कछुआ रहता था। एक बार भयंकर गर्मी के
कारण धीरे-धीरे तालाब का पानी सूखने लगा । कछुआ इस बात से परेशान रहता कि यदि
तालाब पूरी तरह सूख गया तो मेरा क्या होगा। एक दिन, दो सारस तालाब के पास आए और कछुए ने उन दोनों सारस से उसे
पास के तालाब में ले जाने के लिए कहा, जहां अधिक पानी है।
सारस में से एक ने बताया, “हम
एक तालाब को जानते हैं जहाँ बहुत सारा पानी है। लेकिन, हम तुम्हें
वहां कैसे ले जा सकते हैं”।
सीख
मुसीबत मे हमे अपनी
सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए। सूझ-बूझ से काम करने पर आपको कोई न कोई युक्ति और
विचार जरूर मिलेगा, जो आपकी परेशानी को हल कर सकता है। इसलिए विपत्ति के समय
अपना संयम न खोए और समझदारी से सोच-समझ कर निर्णय लें।
इस प्रकार कछुए के द्वारा सुझाया गया सुझाव दोनों सारस को कारगर लगा और दोनों सारस कछुए को लेकर आकाश मे उड़ गए ।
सीख
अपनी सूझ-बूझ से कार्य करे । टीम वर्क एक साझा प्रयास होता है, इसमे कोई एक सदस्य उत्तरदायी नहीं होता अपितु पूरी टीम उत्तरदायी होती है –चाहे वो काम अच्छा हो व बुरा हो। किसी कार्य को पूरा करने की प्रक्रिया में लोगों के बीच सहयोग ही कार्य को प्रभावी ढंग से पूरा करता है।
अधिक बातुनी होना भी कछुए के लिए घातक सिद्ध हुआ। इसलिए कहते है कि हमे अपने कार्य पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए अपितु व्यर्थ कि बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए ।
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