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अदृश्य दानव -कोरोना वायरस

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अदृश्य दानव -कोरोना वायरस  Invisible Devil -Corona Virus  पूरा विश्व आज एक अज़ीबोगरीब परिस्थिति से गुजर रहा है। हर कोई परेशान  है, चारो तरफ भय और मौत का वातावरण व्यापत है। छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब हर कोई इस भयावह स्थिति से सहमा हुआ है। चीन देश के वुहान शहर से निकला यह  " कोरोना वायरस"  [Corona Virus] एक अदृश्य  दानव की भांति पूरी दुनिया को निगल रहा है।  काल्पनिक और  पौराणिक  कहानियों  में  उल्लेख  यह  समय मुझे मेरी दादी माँ  के दवारा सुनाई गयी काल्पनिक कहानियों  की तरफ़ ले जाता है , जिसमे एक राक्षस  पृथ्वी  पर  हर तरह का अत्याचार करके लोगों  को प्रताड़ित करता है।  उसके आतंक से प्रताड़ित होकर सब  लोग भय की  अवस्था में अपने जीवन को व्यतीत करने के लिए मजबूर होते है। आखिर में  कोई महापुरुष आकर उस राक्षस से सभी के प्राणों की रक्षा करता है।  हमारी  पौराणिक  कथाओं  में भी  इसी प्रकार  के कई  राक्षसों का वर्णन मिलता है  जिसमें  अंततः  भगवान  ने स्वयं  अवतार  लेकर  मानव जाति  की रक्षा की।    मानव का पिंजरे के पंछी की तरह का जीवन  इस तरह की स्थिति की कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी, जब महीनो

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day)

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) Image by  Markéta Machová  from  Pixabay   अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  ८ मार्च  (8 March)  को  पूरे  विश्व  में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आर्थिक, सामाजिक,व्यापारिक और राजनितिक में सक्रीय भूमिका और  उपलब्धियों के उप्लक्ष में एक उत्सव  के तौर पर मनाया जाता है।  महिला दिवस  के इस अवसर पर मै आपको नारी की कुछ विशेष क्षमताओं  से परिचय कराना चाहूँगा। आज ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे आज की नारी करने में असमर्थ हो। यद्यपि एक पुरुष प्रधान समाज में नारी की प्रगति एक आसान कार्य नहीं था और समाज और संस्कृति की अच्छी-बुरी  श्रंखलाओं में  जकड़ी  नारी ने अपनी हिम्मत और अथक प्रयास से उस सोच को बदलने में कुछ सफलता पायी है।आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं  की भागीदारी न हो। महिलाएँ लगभग सभी क्षेत्र में अग्रणी हैं। चाहे वो क्षेत्र शिक्षा, व्यवसाय, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, बैंक  और सुरक्षा का ही क्यों न हो,नारी सभी क्षेत्रों में अपने अथक प्रयास से निरंतर आगे बढ़  रही हैं। नारी  का पौराणिक महत्त्व भगवान शिव का अ

🕉 महाशिवरात्रि पर्व 🕉

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  ॐ नीलकण्ठाय नमः   🕉 महाशिवरात्रि पर्व  🕉 Image by  Nikhil Mishra  from  Pixabay   महाशिवरात्रि का पर्व माता पार्वती और देवादि देव महादेव के विवाह उत्सव का प्रतीक है। इस पर्व के विषय में बताने से पहले हमें परमात्मा शिव के बारे में जानने की  आवश्यकता है।  शिव कौन है ? सत्यम शिवम् सुंदरम "सत्यम-शिवम-सुंदरम" से तात्पर्य "सत्य-ईश्वर-सौंदर्य " से है। शिव का अर्थ -कल्याणकारी,ज्योतिस्वरूप परमपिता से है, क्योंकि शिव समस्त सृष्टि के पालनहार हैं, इसलिए वह कल्याणकारी है। जीवन परमपिता परमात्मा का दिया हुआ,अमूल्य उपहार है। जीवन को "सत्य-चेतना-आनंद" के रूप में अनुभव किया जाता है। सृष्टि पर जनम-मरण एक मात्रा सत्य है, शिव ही सबके पालनहार है, उनकी रचित यह रचना अति मनोहर है। हो निर्विकार तथापि तुम हो भक्तवत्सल सर्वदा। हो तुम निरीह तथापि अद्भुत सृष्टि रचते हो सदा। (हे ईश्वर आप विकार हीन होते हुए भी भक्तो से स्नेह करने वाले हो। इच्छा एवं तृष्णा रहित होते हुये भी आपने इस अद्भुत सृष्टि की रचना की। ) जिस प्रकार बीज से किसी वृक्ष की उत्पत्ति होती है उसी प्रकार परमात्मा

कोरोनावायरस (2019 nCoV)

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🤧कोरोनावायरस  (2019 nCoV) 🤧 कोरोनावायरस (2019 nCoV) एक प्रकार का नया वायरस  है जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे  (MERS-CoV) और (SARS-CoV) का कारण बनता है। यह सभी बीमारियाँ किसी न किसी प्रकार के कोरोनावायरस से सम्बंधित है जो कि हमारे शरीर के ऊपरी और निचली  श्वसन प्रणाली (RESPIRATORY SYSTEM)   को प्रभावित करती है। कोरोनावायरस नाम लैटिन शब्द   कोरोना से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मुकुट या प्रभामंडल, जो वायरस के कणों की विशेषता   को   दर्शाता   है। कोरोना वायरस (2019-nCoV) एक नये वायरस का प्रकार  है जो पहले मनुष्यों में नहीं पाया गया।  कोरोना वायरस ज़ूनोटिक (ZOONOTIC) है अथार्त  यह पशुओं  से मनुष्यों  में फैला है। इसके आलावा यह मनुष्यों के द्वारा भी मनुष्यों  में फैल सकता है। कोरोना वायरस के अन्य प्रकार जो पशुओं  से मनुष्यों  में हस्तांतरित हुए।  (MERS-CoV) : यह वायरस एक प्रकार के ऊँट (DROMEDARY CAMELS) से मनुष्यों में आया है।   (SARS-CoV) : यह वायरस एक प्रकार की बिल्ली (CIVET CATS) से मनुष्यों में आया है।   कोरोनावायरस  (2019 nCoV) कैसे मनुष्यों में फैला, दुनियाभर

बसंत पंचमी (BASANT PANCHAMI)

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🌻बसंत पंचमी 🌻 Image by  Amit Karkare  from  Pixabay बसंत पंचमी हिन्दुओं का पवित्र त्यौहार है। यह त्यौहार ऋतुराज बसंत के आगमन पर हर साल माघ माह के शुकल पक्ष की पंचमी  को मनाया जाता है। बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है क्योंकि इस समय मौसम बहुत सुहावना होता है। मौसम की इस ऋतु में चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। प्रकृति फूलों  की रंग-बिरंगी आभा से सुशोभित खुशहाली का सन्देश देती है। प्रकृति का यह मनोहर दृश्य ऋतुराज बसंत के आगमन पर सर्वत्र दिखाई देता है। इस समय सरसों के पीले फूलों से सजे खेत धरती पर अद्भुत सौन्दर्य का सृजन करते है। बसंत का अर्थ कहीं न कहीं रंग से जुड़ा प्रतीत होता है। वास्तव में बसंत का अभिप्राय  पीले व केसरी रंग से है और पंचमी यानि तिथि से है । इस तरह बसंत पंचमी प्रकृति के बसंती स्वरूप का गुणगान  है जो प्रकृति को अदभुत सौंदर्य प्रदान करता है।  बसंत पंचमी और माता सरस्वती का पूजन  बसंत पंचमी / वसंत पंचमी  के दिन माँ सरस्वती की आराधना की जाती है। माँ सरस्वती बुद्धि, विद्या, ज्ञान और  संगीत की देवी है, इसलिए इस दिन इन की पूजा अर्चना कर भक्त लोग उनसे अच्छी बुद्ध

लोहड़ी, मकर संक्रांति और पोंगल

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🌞लोहड़ी, मकर संक्रांति और पोंगल 🌞 भारत त्यौहारों का देश है। पूरे वर्ष में यहाँ कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं। जैसा की आप जानते हैं की भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और कई त्यौहार केवल कृषि से  सम्बंधित है। जिसके  कारण  फसलों  की कटाई पर पूरे भारत में  कई त्यौहार मनाये जाते है। जनवरी माह को यदि त्यौहारों का संगम कहा जाए तो अतिशयोक्ति  नहीं होगी।  वास्तव में हर्ष और उल्लास के प्रतीक यह पर्व जीवन में एक नए जोश का संचार करते है। लोहड़ी का पर्व और उसका महत्त्व  Photo by  Deepika pal  from  Pexels जनवरी त्यौहारों की श्रृंखला के लिए प्रसिद्ध है जो लगभग उसी दिन आते है या फिर मात्र एक दिन  के अंतराल  पर मनाये जाते  हैं। इस श्रृंखला की शुरुआत लोहड़ी के पर्व से होती है। यह पर्व  उत्तरी भारत मुखयतः पंजाब क्षेत्र में  बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार आमतौर पर हर वर्ष १३ (तेरह)जनवरी को मनाया जाता है। दरअसल यह त्योहार फसल की कटाई पर मनाया जाने वाला त्यौहार है।   आमतौर पर यह पंजाब का एक लोक पर्व है जिसे  पंजाब और पूरे उत्तर भारत में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। विशेष रूप से नव विवाहित जोड़